Tuesday, March 27

धर्मशाला स्मार्ट सिटी में आज भी बच्चों को स्कूल पहुँचने के लिए 4 -5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है - क्या यही विकास हुआ है

धर्मशाला हिमाचल का एक गांव जहा आज भी बच्चों को 4-5 किलोमीटर पैदल चल कर स्कूल जाना पड़ता है

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जी हाँ यह बात बिलकुल सही है की आज़ादी के 70 वर्षों बाद भी ऐसी कई जगह हैं जहाँ पर विकास के नाम पर कुछ नहीं हो पाया है. इसे हम सरकारों की नाकामियां ही कहेंगे की जहाँ 70 सालों में देश कहाँ से कहाँ पहुँच गए और हम अभी तक सड़क बिजली पानी जैसी मूल ज़रूरतें भी अपने लोगों को नहीं दे पा  रहे हैं. इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण सिर्फ और सिर्फ भ्रस्टाचार है. हिमाचल प्रदेश की ही हम बात करें तो यहाँ कभी भाजपा शाषित सरकारें रही तो कभी कांग्रेस की  जैसे की इनका आपस में समझौता हो गया हो की पांच साल तुम राज़ करो पांच साल हम करेंगे. जनता पिसती रही और आज तक परेशानियों का सामना कर रही है चाहे स्वस्थ्य संबधी हो, बेरोज़गारी हो या फिर सड़क पानी बिजली

हिमाचल प्रदेश में अभी अभी भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आई है. इस बार लोगों को उम्मीदें इसलिए ज़्यादा हैं क्योंकि केंद्र में मोदी सरकार है जिसका नारा ही विकास है. हिमाचल की जनता भी यही उम्मीद कर रही है की जय राम ठाकुर की अगुवाई में सरकार प्रदेश की जनता का पूरा ध्यान रखेगी खासकर उन इलाकों का जो अभी तक विकास से मरहूम रह गए हैं


इस लेख के माध्यम से आज हम सरकार का ध्यान एक छोटे से गांव नारघोटा की और आकर्षित करना चाहते हैं जहाँ आज भी विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. हैरानी की बात है की एक गांव जो धर्मशाला शहर से मात्र 3-4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हो उसका इतना बुरा हाल क्यों है??. जिस गांव में हर परिवार के कम से एक व्यक्ति ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी हैं और कई युद्धों में भाग लिया हो उस गांव का ध्यान सरकारों ने क्यों नहीं रखा

आज यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाये तो प्राथमिक चिकित्सा तक उपलब्ध नहीं है यहाँ. पानी कभी है कभी नहीं है, किसानो का हाल बेहाल है, किसानी से पेट नहीं भरता तो मज़दूरी करने पर मज़बूर हैं किसान.

लेकिन एक समस्या जो बहुत ही गंभीर है वो है इस गांव में सार्वजानिक परिवहन का होना. इसका सबसे बुरा असर उन मासूम बच्चों पर पड़ता है जो रोज़ सुबह स्कूल जाते हैं. हमें शर्म आती है की हम 70 साल में भी इस काबिल नहीं बन पाए और अपने बच्चों को इतनी परेशानी दे रहे हैं. नारघोटा गांव के बच्चे आज भी 4-5  किलोमीटर पैदल चल कर स्कूल पहुँचते हैं, चाहे फिर भयंकर गर्मी हो, कड़ाके की ठण्ड हो चाहे फिर झमाझम बारिश.

इस गांव के लोग कई वर्षों से इन नेताओं से आस लगाए वैठे हैं की इस गांव में सुधार होगा पर आज तक कुछ नहीं हुआ. लोग अपने बलबूते पर जो कर सकते हैं वो कर रहे हैं परन्तु सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल रहा. आज कल ट्विटर फेसबुक पर भी नेता बहुत एक्टिव रहते हैं इसलिए गांव के कुछ लोगों ने उन्हें वहां भी ट्वीट किया पर कोई फायदा नहीं

हम एक बार फिर अपने नेताओं से, हिमाचल सरकार से यह निवेदन करते हैं और मांग करते हैं की नरघोटा गांव की सुध ली जाये और कम से कम मूलभूत सुविधाएं यहाँ के लोगों को मुहैया करवाई जाएँ

हम देश और प्रदेश की जनता से भी निवेदन करेंगे की इस गांव की समस्याओं को माननीय नेताओं तक पहुँचाने में हमारा साथ दें ताकि कल को हमारे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़े

कृपया शेयर करें और हमारी आवाज़ आगे पहुंचाए

इन ID पर ट्वीट कर के भी आप हमारी सहायता कर सकते हैं

@ianuragthakur @jairamthakurbjp @KishanKapoorHP @nitin_gadkari @AmitShah

#Narghotaignored


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